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Vijay Oraon

Vijay Oraon is the founder of firstpeople.in, a platform dedicated to documenting and amplifying the voices of Indigenous and tribal communities. As a writer, researcher, and content creator, he focuses on themes such as Adivasi religion, culture, politics, and the challenges of marginalization. His work explores issues like religious demonization, land rights, ecological knowledge, and the impact of modern development on traditional ways of life.Through articles, podcasts, and video scripts, Vijay bridges local narratives with global Indigenous movements, highlighting both cultural resilience and systemic struggles. Rooted in academic research yet shaped by storytelling, his approach seeks to preserve collective memory and provide a space where First Peoples can be heard without distortion. firstpeople.in reflects his commitment to creating an archive of voices, knowledge, and resistance that speaks to both contemporary audiences and future generations.

गहराई से सोचो ! आपकी ज़िंदगी का कोच कौन है ??

अनीता अल्वारेज अमेरिका की एक पेशेवर तैराक हैं जो वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान परफॉर्म करने के लिए स्विमिंग पूल में जैसे ही छलांग लगाई, वो छलांग लगाते ही पानी के अंदर बेहोश हो गई। जहाँ पूरी भीड़ सिर्फ़ जीत और हार के बारे में सोच रही थी वहीं उसकी कोच एंड्रिया ने जब देखा कि…

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कुछ दे नहीं सकते, तो माँगने का भी हक़ नहीं

एक भिखारी था ! रेल सफ़र में भीख़ माँगने के दौरान एक सूट बूट पहने सेठ जी उसे दिखे। उसने सोचा कि यह व्यक्ति बहुत अमीर लगता है, इससे भीख़ माँगने पर यह मुझे जरूर अच्छे पैसे देगा। वह उस सेठ से भीख़ माँगने लगा। भिख़ारी को देखकर उस सेठ ने कहा, “तुम हमेशा मांगते…

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धरती आबा एक नेतृत्वकर्ता पैगंबर और सामाजिक क्रांतिकारी

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान महज विद्रोह नहीं था. बल्कि आदिवासियों के बीच एक वैचारिक क्रांति भी थी. धरती आबा एक नेतृत्वकर्ता, पैगंबर और सामाजिक क्रांति के प्रतीक थे. उन्होने देशभर के आदिवासियों को दिशा देने का काम किया. चाहे वह सभी बोंगाओं को छोड़ एक बोंगा पर विश्वास की बात हो या…

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यहां के आदिवासी बनाते हैं जीवित पुल, जो वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट्स में है शामिल

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों जीवित पेड़ों के जड़ों से पुल बनाया जाता है. जिंदा पेड़ों की जड़ों से बने ब्रिज बेहद ही खास है. इसे दुनिया का सबसे मजबूत पुल माना जाता है. दरअसल, भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍य मेघालय में बने इस पुल के सामने दुनिया के कई ब्रिज आपको फीके लगने लगेंगे.करीब दो सौ…

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भारत के अनुसूचित जनजातियों की सूची

भारत सरकार अनुसूचित जनजातियों(आदिवासियों) की सूची राज्य/केंद्रीय संघ, जिला के आधार पर बनाती है, यह सूची राज्यों के अनुसार जारी सूची के अनुसार है। जनजातियों(आदिवासियों) की कोई केंद्रीय सूची नही है, यही कारण है कि एक राज्य में अधिसूचित अनुसूचित जनजाति दूसरे राज्य में अधिसूचित नही भी हो सकती है। संपूर्ण भारत में जनजातियों की…

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तराओ जनजाति: युनिस्कों इस जनजाति को विलुप्ति हो चुकी जनजाति घोषित कर चुकी थी

तराओ जनजाति संरक्षित जनजातियों में से एक जनजाति है. यह समुदाय पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर के चंदेल जिले के पहाड़ियों में रहते हैं. इनका संबंध तिब्बति-बर्मन जनजाति के मंगोलियाई नस्ल से संबंधित हैं.एक किंवदंती के अनुसार, तराओं की उत्पत्ति मणिपुर के दक्षिणी भाग में स्थित एंथोना पहाड़ी या हौबी पहाड़ी के तुकलीहखुर गुफा से निकले…

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ब्राजील की आदिवासी महिला जिसने बचाया 4 लाख एकड़ जंगल

ब्राजील की आदिवासी महिला ऐलेसान्द्रा कोराप मुन्डुरुकू को अपने देश में पर्यावरण बचाने के लिए गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार 2023 मिला है. उन्होंने 4 लाख एकड़ जंगल को विदेशी(अमेरीकी और ब्रिटिश) माइनिंग कंपनियों से बचाया. दरअसल एलेसेंड्रा कोराप मुंडुरुकु ने ब्राजील के अमेज़ॅन रेनफॉरेस्ट में ब्रिटिश खनन कंपनी और एंग्लो अमेरिकन द्वारा खनन विकास को रोकने…

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कलिंग आदिवासी समूह की आखिरी टैटू कलाकार

तथाकथित मुख्यधारा को जब हाशिए में रह रहे कलाकारों को जब नजरअंदाज कर पाना मुश्किल हो जाता है, तो खुशी मिलती है. हाल ही में विश्व प्रसिद्ध वॉग मैगज़ीन (फिलीपींस एडिशन) ने अपने अप्रैल अंक के कवर पर 106 साल की अपो-वांग ओड की तस्वीर छापी है. अपो-वांग ओड फिलीपींस के कलिंग आदिवासी समूह की…

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उरांव आदिवासियों के रूढ़ीवादी विवाह

आदिवासी शोध एवं सामाजिक सशक्तिकरण अभियान के तहत उरांव समाज में पारंपरिक विवाह (बेंज्जा) संबंधी और न्यायालय व्यवस्था में वर्तमान चुनौतियां के बारे में परिचर्चा का आयोजन किया गया. दिनांक 2 अप्रैल को आयोजित परिचर्चा में विशेष रूप से कई लोग उपस्थित रहे. इसके व्याख्यान श्रृंखला में प्रो. रामचन्द्र उरांव सहित अन्य सुधीजनों ने कस्टमरी…

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डिलिस्टिंग और बीस बरस की काली रात

पिछले कुछ महिनों से आदिवासियों के बीच डिलिस्टिंग (धर्मांतरित आदिवासियों को अनुसुचित जनजाति सूची से बाहर करने की मांग) चर्चा में है। इसको लेकर लोकसभा में भी बात को उछाला गया। इस मांग (आंदोलन) की शुरूवात पुर्वोत्तर भारत से शुरू होती है, जहां अधिकांश आदिवासी धर्म परिवर्तन कर चुके है। वहीं मध्य भारत में इस…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन