अरुणाचल प्रदेश की स्वदेशी आस्थाओं में Donyi-Polo सबसे प्रमुख, जीवंत और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण विश्वास प्रणाली है।
यह एक संगठित धर्म नहीं, बल्कि प्रकृति-आधारित जीवनदर्शन, नैतिक व्यवस्था, और पुरखा-सम्मान का मार्ग है।
डोनी का अर्थ—सूर्य
पोलो का अर्थ—चंद्रमा
सूर्य और चंद्रमा, दोनों मिलकर मानव-जीवन में प्रकाश, सत्य, संतुलन और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- Donyi-Polo का मूल इतिहास (Ancient Origins)
डीपी (Donyi-Polo) की शुरुआत किसी भविष्यवक्ता या धार्मिक संस्थापक से नहीं हुई।
यह हजारों वर्ष पुरानी मौखिक परंपराओं से उभरा।
अरुणाचल की कई जनजातियाँ—
अपातानी
गालो
निसी (Nyishi)
आदि
तागिन
मिनीओंग
बोरी
इत्यादि—प्रकृति पूजा पर आधारित एक साझा आध्यात्मिक संस्कृति रखती थीं।
मौखिक परंपरा (Oral Tradition) का महत्व
इस आस्था से जुड़े सारे मिथ, मंत्र, गीत, कथाएँ और अनुष्ठान
पीढ़ियों तक Miri, Nyibu, Abu, Gumpu जैसे पुजारियों द्वारा मौखिक रूप से संरक्षित किए गए।
इनमें शामिल थे:
देव-आत्माओं की कथाएँ
पूर्वजों की कहानियाँ
प्राकृतिक शक्तियों का गुणगान
नृत्य और अनुष्ठानिक गीत
क्योंकि लिखित ग्रंथ नहीं थे, इसलिए यह परंपरा लचीली, सामुदायिक और जीवंत बनी रही।
- Donyi-Polo का दर्शन (Philosophy & Worldview)
(A) सूर्य–चंद्रमा का प्रतीकवाद
Donyi = सत्य, प्रकाश, न्याय, जीवन
Polo = शांति, संतुलन, करुणा, समय-चक्र
मानव जीवन इन दोनों के संतुलन से चलता है।
इसलिए डोनी-पोलो में
“सत्य और संतुलन”—दोनों सर्वोच्च नैतिक आदर्श हैं।
(B) प्रकृति को देवत्व मानना
Donyi-Polo में प्रकृति स्वयं देवत्व (Sacred) मानी जाती है।
नदी, पर्वत, जंगल, जानवर, पूर्वज—सबमें आत्मीय शक्ति है।
इसे आधुनिक शब्दों में Animism कहा जाता है।
(C) सामाजिक-सांस्कृतिक आयाम
डोनी-पोलो केवल आध्यात्मिक व्यवस्था नहीं, बल्कि—
न्याय व्यवस्था (traditional courts)
सामाजिक एकजुटता
कृषि आधारित जीवन
लोकगीत-लोककला
का भी आधार है।
- 20वीं सदी में संकट (Threats to Indigenous Faith)
1950–1980 के आसपास अरुणाचल में बड़े बदलाव आए—
- ईसाई मिशनरियों का प्रभाव
- बाहरी धार्मिक पहचान का विस्तार
- आधुनिक शिक्षा के कारण युवाओं का दूर होना
- मौखिक परंपरा होने से लुप्त होने का खतरा
इसके परिणामस्वरूप जनजातीय समाज के कई हिस्सों में
पारंपरिक धर्म कमजोर पड़ने लगा।
- आधुनिक पुनर्जागरण आंदोलन (Revival Movement)
यहां से शुरू होती है डोनी–पोलो की आधुनिक कहानी।
20वीं सदी के अंत में कुछ बुद्धिजीवियों और सामाजिक नेताओं ने महसूस किया कि
अगर परंपरा को संरक्षित नहीं किया गया तो
पूरी आध्यात्मिक विरासत खत्म हो जाएगी।
इस पुनर्जागरण का सबसे बड़ा नाम है—
⭐ 5. Talom Rukbo : Donyi-Polo के Neo-Founder
(The Father of Modern Donyi-Polo Faith)
Talom Rukbo (1937–2001) को
“Neo-Founder of Donyi-Polo”
कहा जाता है क्योंकि उन्होंने—
(A) पारंपरिक धर्म को आधुनिक स्वरूप दिया
उन्होंने पहली बार डोनी-पोलो की आस्था को
एक संगठित, लिखित और संस्थागत रूप दिया।
(B) Donyi-Polo Yelam Kebang की स्थापना
यह संस्था आज भी—
धार्मिक संरचना
सांस्कृतिक नीति
त्योहारों और अनुष्ठानों का संचालन
करती है।
(C) Gangging का निर्माण — पहला पूजा स्थल
Talom Rukbo ने Gangging नामक आध्यात्मिक सभा-स्थल की अवधारणा दी।
यह चर्च या मंदिर की नकल नहीं,
बल्कि समुदाय-आधारित Indigenous Sacred Space है।
आज अरुणाचल में दर्ज़नों गंग्गिंग स्थापित हो चुके हैं।
(D) मौखिक धर्म को पहली बार “लिखित” बनाया
Talom Rukbo ने ही
प्रार्थनाएँ
chants
अनुष्ठान
लोककथाएँ
को संकलित कर दस्तावेज़ तैयार किए।
यह डोनी-पोलो के इतिहास में सबसे बड़ा बौद्धिक योगदान है।
(E) युवा पीढ़ी को पुनः जोड़ना
उन्होंने Indigenous Identity को
शिक्षा
गीत
संस्थाओं
सांस्कृतिक कार्यक्रमों
के माध्यम से मजबूत किया।
इसीलिए उन्हें “Guru of Indigenous Faith Revival” भी कहा जाता है।
- आधुनिक काल में Donyi-Polo के नये कार्य (New Work & Current Developments)
डोनी-पोलो अब केवल एक पुरानी परंपरा नहीं,
बल्कि एक आधुनिक सांस्कृतिक पुनर्जागरण बन चुकी है।
(A) Gangging की संख्या बढ़ रही है
Itanagar, Pasighat, Roing, Aalo, Namsai सहित कई जिलों में
डोनी-पोलो के पूजा केंद्र तेजी से बन रहे हैं।
(B) शिक्षा में Indigenous Faith का समावेश
कुछ सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में
Indigenous Ethics
Folk Narratives
Mother Tongue Education
शामिल किया गया है।
(C) धार्मिक ग्रंथों का व्यवस्थित संकलन
Donyi-Polo Welfare Trust और Yelam Kebang
नियमित रूप से पुस्तिकाएँ तैयार कर रहे हैं।
(D) डिजिटल डाक्यूमेंटेशन
युवा पीढ़ी अब मोबाइल से—
chants
त्योहारों
dances
folklore
का रिकॉर्ड रख रही है।
यह पहली बार डिजिटल युग में प्रवेश है।
(E) पर्यावरण आंदोलन
चूँकि यह प्रकृति आधारित धर्म है,
इसलिए इसके अनुयायी सक्रिय रूप से—
जंगल बचाओ
नदी बचाओ
Indigenous land rights
आंदोलनों में हिस्सा लेते हैं।
(F) सांस्कृतिक-राजनीतिक पहचान का उभार
आज डोनी-पोलो अरुणाचल की
Indigenous Identity और Cultural Nationalism
का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुका है।
- निष्कर्ष
Donyi-Polo केवल एक धर्म नहीं—
यह जीवनदर्शन, पर्यावरण नैतिकता, और स्वदेशी अस्मिता का केंद्र है।
इसकी कहानी तीन चरणों में समझी जा सकती है—
- प्राचीन प्रकृति-आधारित आस्था
- 20वीं सदी का संकट
- Talom Rukbo के नेतृत्व में आधुनिक पुनर्जागरण
आज डोनी-पोलो
सिर्फ अरुणाचल का नहीं,
बल्कि वैश्विक Indigenous समुदायों में
एक सफल पुनर्जीवित धर्म के रूप में जाना जाता है।





