चेन्नई की 13 वर्षीय Iniya Pragathi बनीं भारत की सबसे कम उम्र की एनालॉग एस्ट्रोनॉट

चेन्नई की 13 साल की इनिया प्रगति ने नया इतिहास रच दिया है। वह कनाडा के आर्कटिक क्षेत्र में कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद भारत की सबसे कम उम्र की एनालॉग एस्ट्रोनॉट बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि उन सभी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा है जो भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषक बनने का सपना देखते हैं।

कनाडा में विशेष प्रशिक्षण


इनिया ने डेवन आइलैंड, कनाडा के हाई आर्कटिक मार्टियन रिसर्च मिशन में हिस्सा लिया। यह जगह मंगल ग्रह जैसी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वैज्ञानिकों के लिए “धरती पर मंगल” कही जाती है। यहाँ उन्होंने फील्डवर्क किया, पानी के नमूने इकट्ठा किए और सूक्ष्म जीवों की खोज की। इन अनुभवों ने उनकी कठोर परिस्थितियों में काम करने की क्षमता को साबित किया।

बचपन से अंतरिक्ष में रुचि
इनिया की अंतरिक्ष यात्रा की प्रेरणा केवल पांच साल की उम्र में शुरू हुई, जब उन्होंने आकाश में ग्रह-नक्षत्रों को देखा। समय के साथ उनकी दिलचस्पी मंगल ग्रह में गहरी होती गई और उन्होंने तय किया कि वह एस्ट्रोनॉट बनेंगी। इसके लिए उन्होंने ज़ीरो-ग्रेविटी का अनुभव पाने हेतु एडवांस्ड स्कूबा डाइविंग जैसे कठिन प्रशिक्षण भी किए, जैसा NASA के अंतरिक्ष यात्री करते हैं।

See also  Medusa with the Head of Perseus: A Modern Symbol of Justice and Empowerment

लेखिका और मार्स एम्बेसडर
अंतरिक्ष मिशन में सक्रिय होने के साथ-साथ इनिया एक लेखिका भी हैं। SRM पब्लिक स्कूल, चेन्नई के अनुसार, उन्होंने तीन किताबें लिखी हैं, जिनमें Evidence of Water on Mars युवा लेखकों में बेस्टसेलर बनी। इसके अलावा, वह ‘मार्स एम्बेसडर’ की भूमिका भी निभा रही हैं। इनिया का लक्ष्य है पहले लो अर्थ ऑर्बिट तक पहुँचना, फिर चंद्रमा और अंततः मंगल ग्रह की यात्रा करना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन