दिल्ली-एनसीआर स्थित कार्स24 के सीईओ विक्रम चोपड़ा की एक पोस्ट ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। नौकरी के लिए दिए गए उनके ऑफर ने सोशल मीडिया यूजर्स को दो धड़ों में बांट दिया है।
बेंगलुरु में भाषा विवाद पर तंज
विक्रम चोपड़ा ने अपनी पोस्ट में बेंगलुरु में बढ़ते भाषा विवाद पर चुटकी लेते हुए हिंदी भाषी लोगों को दिल्ली में नौकरी करने का सुझाव दिया। उनकी इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी।
बेंगलुरु की चुनौतियां और भाषा विवाद
बेंगलुरु आईटी और स्टार्टअप्स का हब होने के कारण यहां प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि, शहर में बढ़ती भीड़, ट्रैफिक जाम, और किराए में बढ़ोतरी जैसी समस्याएं लंबे समय से चर्चा का विषय रही हैं। हाल के दिनों में, कन्नड़ भाषा को प्राथमिकता देने के चलते गैर-कन्नड़ भाषी लोगों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
उदाहरण के तौर पर, ऑटो रिक्शा ड्राइवर का सवारी से इनकार करना या दुकानों पर गैर-कन्नड़ भाषी लोगों से अधिक पैसे वसूलने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं।
विक्रम चोपड़ा का ऑफर
ऐसे माहौल में विक्रम चोपड़ा ने बेंगलुरु में काम कर रहे इंजीनियरों को दिल्ली-एनसीआर में नौकरी का ऑफर देते हुए कहा, “बेंगलुरु में सालों रहने के बाद भी कन्नड़ नहीं बोल सकते? कोई बात नहीं। दिल्ली आ जाओ।”
उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर तेजी से वायरल हो रही है।
मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
चोपड़ा की पोस्ट पर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां कुछ लोगों ने इसे भद्दा और क्षेत्रीय भेदभाव को बढ़ावा देने वाला करार दिया, वहीं अन्य ने इसे हास्यपूर्ण और वास्तविक मुद्दों को उजागर करने वाला बताया।
एक यूजर ने बेंगलुरु की भीड़भाड़ कम करने के प्रयास के लिए चोपड़ा का आभार व्यक्त किया, जबकि अन्य ने इसे प्रवासियों को उनकी जड़ों के करीब काम करने का मौका देने वाला कदम माना।
विवाद और चर्चा
भले ही यह पोस्ट आलोचनाओं का शिकार हुई हो, लेकिन यह बेंगलुरु के भाषाई विवाद और प्रवासियों की चुनौतियों पर चर्चा का एक माध्यम बन गई है। कई लोगों ने इसे एक सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि यह पेशेवरों को अपनी पसंदीदा जगह पर काम करने का विकल्प देता है।
चोपड़ा की यह पोस्ट एक मजाकिया अंदाज में गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।