रांची, 20 सितंबर, 2025: आदिवासी स्त्री लेखन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक नए राष्ट्रीय साहित्यिक सम्मान की घोषणा आज यहाँ की गई। प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन द्वारा स्थापित यह सम्मान प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, साहित्यकार और झारखंड आंदोलनकारी रोज केरकेट्टा की स्मृति में दिया जाएगा।
फाउंडेशन की अध्यक्ष ग्लोरिया सोरेंग और सचिव वंदना टेटे ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह पुरस्कार भारत की किसी भी आदिवासी लेखिका की हिंदी में प्रकाशित पुस्तक को 25,000 रुपये की राशि से सम्मानित करेगा। पुरस्कृत कृति कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, जीवनी, लेख आदि किसी भी साहित्यिक विधा में हो सकती है।
इस पुरस्कार हेतु आवेदन के लिए लेखिका की आयु 25 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। केवल वही पुस्तकें पात्र होंगी, जिनका प्रकाशन 9 अगस्त, 2023 से 20 सितंबर, 2025 के बीच हुआ है।
लेखिकाएँ स्वयं आवेदन कर सकती हैं अथवा कोई भी व्यक्ति किसी आदिवासी लेखिका की पुस्तक की अनुशंसा कर सकता है। आवेदन व अनुशंसाएँ केवल ऑनलाइन गूगल फॉर्म के माध्यम से स्वीकार की जाएंगी। साथ ही, आवेदित पुस्तक की तीन प्रतियाँ 30 अक्टूबर, 2025 तक फाउंडेशन के पते पर भेजनी अनिवार्य होंगी।
आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर, 2025 निर्धारित की गई है। पुरस्कार की विजेता की घोषणा 10 नवंबर, 2025 को की जाएगी। सम्मान समारोह 7 दिसंबर, 2025 को रांची में रोज केरकेट्टा की 85वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट www.kharia.org पर विजिट किया जा सकता है।