संथाली संविधान विमोचन के बीच सालखन मुर्मू का सवाल—आदिवासी गांवों में कहाँ है अनुच्छेद 21?
भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक कदम उठाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में संथाली भाषा और ओल-चिकी लिपि में भारत का संविधान जारी किया। इसे संथाली समाज और आदिवासी समुदायों के लिए ऐतिहासिक, गर्व और सम्मान का क्षण बताया जा रहा है। इसी क्रम में आदिवासी (Sengel) सेंगेल अभियान…
