झारसुगुड़ा में आयोजित हुआ 18वां राष्ट्रीय कुँड़ुख़ सम्मेलन 2025
तोलोंग सिकी लिपि को मिला यूनिकोड, डॉ. नारायण उरांव “सैदा” ने कहा— “अपनी भाषा अपनी लिपि में ही जीवित रह सकती है” झारसुगुड़ा (उड़ीसा), 26 अक्टूबर 2025।कुँड़ुख़ लिटरेरी सोसायटी ऑफ़ इंडिया (Kurukh Literary Society of India), नई दिल्ली के तत्वावधान में 18वां राष्ट्रीय कुँड़ुख़ सम्मेलन 24 से 26 अक्टूबर 2025 तक ओडिशा के झारसुगुड़ा में…
