कांग्रेस ने अपने राज में ओबीसी और आदिवासी समाज की उपेक्षा कीः भूपेन्द्र यादव

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी आज जो जातिवाद की मशाल हाथ में लेकर देश को जलाने निकले हैं, उन्हें ये नहीं पता कि कांग्रेस ने अपने लंबे समय के शासनकाल में दलित, पिछड़ों और गरीबों का कितना नुकसान किया है।

इन वर्गों की कांग्रेस ने कितनी उपेक्षा की है, यह सभी को जानना जरूरी है। कांग्रेस ने भारत की सांस्कृतिक पहचान के चिन्हों को मिटाने का जैसा षड्यंत्र किया उसे लेकर सभी को तकलीफ होती है।

केंद्रीय मंत्री यादव बुधवार को खुरई विधानसभा में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने हमें संविधान दिया, जिसमें दलित व पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया। आर्टिकल 340 के तहत ओबीसी समाज को आरक्षण देने के लिए बनी काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को दफन करने का काम कांग्रेस सरकार ने ही किया था।

कांग्रेस सरकार के बाद जब जनता पार्टी आई तब उसने मंडल कमीशन का गठन किया था। फिर कांग्रेस दस साल रही, लेकिन मंडल आयोग की सिफारिश लागू नहीं हुईं। जब भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार आई तब ओबीसी आरक्षण के लिए मंडल आयोग की सिफारिश लागू हुईं। 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में यही राहुल गांधी और मनमोहन सिंह शामिल थे, लेकिन उन्होंने ओबीसी आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। इस तरह 75 साल से कांग्रेस ओबीसी आरक्षण में अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने कहा कि स्व राजीव गांधी ने तो लोकसभा में आन रिकार्ड ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था।

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दिग्विजय सिंह ने किया पिछडा वर्ग आरक्षण का विरोध

भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा लगातार कहती रही है कि पढ़ाई, नौकरी, मेडीकल, इंजीनियरिंग में एडमिशन में ओबीसी आरक्षण होना चाहिए। नरेन्द्र मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने ओबीसी आरक्षण के लिए संवैधानिक आयोग बनाया और आरक्षण के लिए कानून बनाया। ओबीसी आरक्षण की सिलेक्ट कमेटी का चेयरमैन मैं था। रिपोर्ट में सदस्य के नाते कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का ओबीसी आरक्षण के विरोध में नोट दर्ज है। यह कांग्रेस के ओबीसी प्रेम की असलियत है, जबकि हमने ओबीसी आरक्षण को ही संवैधानिक दर्जा देने के लिए ही नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर गरीबों को भी आरक्षण देने का कानून बनाया। इसे कहते हैं सबका साथ और सबका विकास।

राम मंदिर हमारे लिए प्रतिबद्धता का विषय

यादव ने कहा कि कांग्रेस को राम मंदिर निर्माण से तकलीफ है। कांग्रेस को यह समझ लेना चाहिए कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का विराट मंदिर हमारे लिए घोषणा पत्र का मुद्दा ही नहीं बल्कि हमारी प्रतिबद्धता का विषय है। 500 साल से मंदिर निर्माण की गुत्थी को कानून सम्मत रास्ते से प्रधानमंत्री मोदी ने सुलझा दिया। उन्होंने कहा कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तब इन्होंने आदिवासियों में सबसे पिछड़े बैगा, सहरिया और भारिया जनजातियों को भाजपा सरकार से मिलने वाली राशि तक बंद कर दी थी। 15 महीनों तक कमलनाथ ने आदिवासी हितों के लिए पेसा एक्ट लागू नहीं किया था। भाजपा सरकार ने आते ही पेसा एक्ट लागू किया। भाजपा की अटल बिहारी की सरकार ने आदिवासी समुदाय के लिए अलग मंत्रालय बनाया।

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