भगत सिंह से पहले बिरसा मुंडा का रातोंरात कर दिया था अंतिम संस्कार
नौ जून, 1900। झारखंड के इतिहास में यह तारीख दर्ज है। इसी दिन धरती आबा बिरसा मुंडा रांची के नवनिर्मित जेल में अंतिम सांस ली थी। तब भी मौसम ऐसा ही जानलेवा था। ब्रिटिश अधिकारियों ने हैजा से मृत्यु का कारण बताया। आनन-फानन में पोस्टमार्टम किया गया। बिरसा के अनुयायियों को भरोसा था-बिरसा मर नहीं…
