बंगाल में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू पर हमला, सियासत गरमाई — पीएम मोदी और ममता आमने-सामने

जालपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल), पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले के नगरा-काटा इलाके में बाढ़ राहत का जायज़ा लेने पहुंचे बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर रविवार को स्थानीय भीड़ ने हमला कर दिया। इस हमले में सांसद खगेन मुर्मू गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद राज्य की राजनीति में ज़बरदस्त हड़कंप मच गया है और केंद्र बनाम राज्य सरकार आमने-सामने आ गए हैं।

क्या हुआ था?

मालदा नॉर्थ से सांसद खगेन मुर्मू अपने काफ़िले के साथ जलपाईगुड़ी के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे थे।
इस दौरान कुछ लोगों ने काफ़िले को रोक लिया और नारेबाज़ी शुरू कर दी। देखते ही देखते भीड़ हिंसक हो गई, पत्थरबाज़ी हुई और सांसद की गाड़ी पर हमला कर दिया गया।
खगेन मुर्मू को चेहरे और सिर पर गंभीर चोटें आईं। विधायक शंकर घोष भी घायल हुए।

बीजेपी ने दावा किया कि यह हमला टीएमसी समर्थित गुंडों द्वारा किया गया था। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने कहा कि “यह एक अचानक हुई घटना थी, और स्थिति को तुरंत नियंत्रण में ले लिया गया।”

See also  उत्तर प्रदेश: आदिवासी युवती से छेड़छाड़, विरोध करने पर खौलते तेल में धकेला

खगेन मुर्मू की हालत कैसी है?

हमले के बाद खगेन मुर्मू को जालपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहाँ उन्हें बाद में सिलिगुड़ी के अस्पताल रेफर किया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि उनके चेहरे की हड्डी में फ्रैक्चर है और निगरानी में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को खुद अस्पताल पहुंचीं और कहा —

“उनकी हालत स्थिर है, कोई गंभीर खतरा नहीं है। हमने डॉक्टरों को पूरी सुविधा देने के निर्देश दिए हैं।”

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़

हमले के तुरंत बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में बयानबाज़ी तेज़ हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा —

“यह हमला बंगाल की अराजकता और हिंसक राजनीति का प्रमाण है। जिनके पास सत्ता है, वे अपने ही जनप्रतिनिधियों पर हिंसा करवा रहे हैं। लोकतंत्र में इसका कोई स्थान नहीं।”

इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया —

“प्रधानमंत्री को पहले सच्चाई जाननी चाहिए। यह कोई राजनीतिक हमला नहीं था। लोग बाढ़ से परेशान हैं, और कुछ गुस्से में आ गए। हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए, बल्कि राहत पर ध्यान देना चाहिए।”

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा —

“यह हमला ममता बनर्जी की मौन सहमति से हुआ। राज्य में कानून नाम की कोई चीज़ नहीं बची है।”

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने जवाब दिया —

“भाजपा सांसद प्रचार के लिए आए थे, राहत लेकर नहीं। जनता नाराज़ थी। इसे राजनीतिक रंग देना गैरजिम्मेदारी है।”

बीजेपी ने मांगी NIA जांच

घटना के बाद भाजपा ने NIA जांच की मांग की है।
राज्यसभा सांसद बृज लाल ने आरोप लगाया —

“यह हमला योजनाबद्ध था। ममता सरकार आदिवासी सांसद खगेन मुर्मू को निशाना बना रही है क्योंकि वे भाजपा के जनाधार को बढ़ा रहे थे।”

अस्पताल में खगेन मुर्मू से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा —

“मैंने खुद जाकर देखा, और मैंने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। बंगाल की सरकार किसी भी हिंसा की निंदा करती है। भाजपा अफवाह फैलाकर राजनीति करना बंद करे।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा नेताओं ने “बड़े काफ़िले और नारों के साथ दौरा किया”, जिससे स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया।

See also  झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव 2024: क्षेत्रीय राजनीति और गठबंधन की ऐतिहासिक सफलता

लोकसभा में गूंजा मामला

दिल्ली में संसद सत्र के दौरान भाजपा सांसदों ने इस घटना को लेकर हंगामा किया और गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी गई है।
स्पीकर ने कहा कि “यदि यह सच है तो यह बेहद गंभीर विषय है।”

खगेन मुर्मू पश्चिम बंगाल के मालदा नॉर्थ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं।

वे पहले CPI(M) में थे, बाद में भाजपा में शामिल हुए।

संथाल समुदाय से आने वाले मुर्मू बंगाल के आदिवासी इलाकों में एक मजबूत जनाधार रखते हैं।

घटना के राजनीतिक मायने

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला बंगाल में चल रही बीजेपी बनाम टीएमसी की सत्ता संघर्ष को और तीखा कर सकता है।
भाजपा इसे “राज्य प्रायोजित हिंसा” कह रही है, जबकि टीएमसी इसे “जनता के गुस्से” की प्रतिक्रिया बताती है।

खगेन मुर्मू पर हमला केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि बंगाल की राजनीतिक संस्कृति और लोकतांत्रिक सहिष्णुता पर भी सवाल उठाता है।
अब निगाहें जांच रिपोर्ट और केंद्र-राज्य के अगले कदम पर टिकी हैं।

See also  Diwali 2023: यहां आदिवासी मनाते है अनोखी दिवाली, लगता है 'घुंगरु बाजार'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन