भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार रात करीब 12:30 बजे रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में निधन हो गया। उनका देहांत हृदय गति रुकने के कारण हुआ। इससे पहले, सोमवार को एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया था।
नेताओं ने व्यक्त किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगल मुंडा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“भगवान बिरसा मुंडा जी के वंशज मंगल मुंडा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना उनके परिवार और झारखंड के जनजातीय समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दें।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी मंगल मुंडा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए लिखा:
“रिम्स में इलाजरत भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दें।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सोरेन ने बुधवार को अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ मंगल मुंडा के स्वास्थ्य की जानकारी रिम्स में ली थी।
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी मंगल मुंडा के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा:
“धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवार को ईश्वर इस कठिन समय को सहने की शक्ति प्रदान करें।”
व्यवस्था पर सवाल उठे
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगल मुंडा के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए व्यवस्था की आलोचना की। उन्होंने कहा:
“यह अत्यंत दुखद है कि गंभीर रूप से घायल मंगल मुंडा को समय पर इलाज नहीं मिल सका। ट्रॉमा सेंटर में बेड के अभाव और इलाज शुरू करने में 10 घंटे की देरी ने व्यवस्था की संवेदनहीनता उजागर की। यह सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था द्वारा की गई हत्या है।”
उन्होंने आगे कहा:
“झारखंड, जिसे भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलना चाहिए था, वहां उनके वंशज के साथ ऐसा व्यवहार हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर देता है। यह सवाल सिर्फ मंगल मुंडा के परिवार का नहीं, बल्कि हर गरीब आदिवासी का है।”
घटना का विवरण
मंगल मुंडा, खूंटी जिले के साइको थाना क्षेत्र के पीडिहातु मोड़ के पास एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। सोमवार को एक यात्री वाहन की छत से गिरने के कारण उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें खूंटी सदर अस्पताल से रिम्स रेफर किया गया, जहां शुक्रवार को उनका निधन हो गया।
मंगल मुंडा बिरसा मुंडा के वंशज थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में आदिवासी समाज को संगठित किया और स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। उनका योगदान भारत के इतिहास में अमूल्य है, और उनके वंशज मंगल मुंडा का निधन झारखंड और देश के आदिवासी समाज के लिए बड़ी क्षति है।