In Memoriam: 2024 में जिन्हें हमने खो दिया है, उनके प्रति श्रद्धांजलि

2024 ने हमें कई महान हस्तियों से वंचित कर दिया, जिन्होंने अपने अद्वितीय योगदान से हमारे जीवन को समृद्ध किया। इनमें से प्रत्येक व्यक्तित्व ने कला, संगीत, सिनेमा, राजनीति, और समाज में अपनी अलग पहचान बनाई। आज, हम उनके प्रति गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी अमिट विरासत को याद करते हैं।

मनमोहन सिंह

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, अर्थशास्त्र के महान विद्वान, और एक सच्चे नेता, मनमोहन सिंह, ने 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण ने भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

जाकिर हुसैन

तबला की जादुई धुनों के सरताज जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी संगीत साधना ने भारत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित किया।

रतन टाटा

दुनिया भर में परोपकार और उद्योग के प्रतीक, रतन टाटा, 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में हमें छोड़ गए। उनका दृष्टिकोण और मानवीयता हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।

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श्याम बेनेगल

भारतीय समानांतर सिनेमा के पथप्रदर्शक, श्याम बेनेगल, ने 23 दिसंबर को 89 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनकी फिल्में आज भी भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम अध्याय हैं।

बाबा सिद्दीकी

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को दुखद हत्या ने सभी को स्तब्ध कर दिया। उन्होंने राजनीति और समाज सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

साधु मेहर

अभिनेता और निर्देशक साधु मेहर, जिनकी कलात्मकता ने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, का 2 फरवरी को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

कविता चौधरी

IPS अधिकारी के किरदार में “उड़ान” से प्रेरणा देने वाली कविता चौधरी का 15 फरवरी को निधन हुआ। उनका योगदान भारतीय टेलीविजन में अद्वितीय रहेगा।

सुहानी भटनागर

“दंगल” की बबीता फोगाट के रूप में सभी के दिलों पर राज करने वाली सुहानी भटनागर ने दुर्लभ बीमारी के कारण 19 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा।

रितुराज सिंह

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टीवी जगत के शानदार अभिनेता रितुराज सिंह का 19 फरवरी को 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी भूमिकाएं आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित हैं।

कुमार शाहनी

भारतीय समानांतर सिनेमा के अग्रणी फिल्म निर्माता कुमार शाहनी ने 83 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहा। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी।

पंकज उधास

गजलों की रूहानी आवाज पंकज उधास का 26 फरवरी को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया।

स्मृति बिस्वास

100 साल की अद्भुत यात्रा करने वाली स्मृति बिस्वास का 3 जुलाई को निधन हुआ। उनकी कलात्मकता तीन दशकों तक फिल्मी जगत को समृद्ध करती रही।

मेनका ईरानी

बॉलीवुड की लोकप्रिय हस्ती और फराह-साजिद खान की मां, मेनका ईरानी, 26 जुलाई को 79 वर्ष की आयु में हमें छोड़ गईं।

आशा शर्मा

फिल्म “दामिनी” में मां की यादगार भूमिका निभाने वाली आशा शर्मा का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका करियर 200 से अधिक फिल्मों तक फैला रहा।

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विकास सेठी

टीवी के लोकप्रिय अभिनेता विकास सेठी ने 8 सितंबर को 48 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके अभिनय ने लाखों दिलों को छुआ।

रोहित बल

भारतीय फैशन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले डिज़ाइनर रोहित बल का 1 नवंबर को निधन हो गया। उनकी कलात्मकता हमेशा याद की जाएगी।

शारदा सिन्हा

लोक और शास्त्रीय संगीत की मल्लिका शारदा सिन्हा का 5 नवंबर को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनकी मधुर आवाज भारतीय संगीत का गौरव बनी रहेगी।

2024 के इन अद्वितीय व्यक्तित्वों को हमारा नमन।
इनकी उपलब्धियां और योगदान हमेशा हमारी स्मृतियों और इतिहास में जीवित रहेंगे।

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