कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ की सूचना देने वाले चरवाहा ताशी नामग्याल का निधन

कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठ की पहली सूचना देने वाले वीर चरवाहा ताशी नामग्याल का निधन हो गया। लद्दाख के गारखोन गांव में उन्होंने अंतिम सांस ली। सेना ने पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया और उनके परिवार को सहायता का आश्वासन दिया। सेना ने कहा कि नामग्याल का निस्वार्थ बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।

1999 की घटना
कारगिल युद्ध, जिसे ‘ऑपरेशन विजय’ के नाम से जाना जाता है, मई से जुलाई 1999 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी उग्रवादियों द्वारा नियंत्रण रेखा पार कर कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा जमाने से हुई थी।

ताशी नामग्याल, जो लापता याक की तलाश में निकले थे, ने 3 मई 1999 को बटालिक पर्वत श्रृंखला में पाकिस्तानी सैनिकों को बंकर खोदते देखा। उन्होंने भारतीय सेना को इसकी सूचना दी, जिससे सेना सतर्क हुई और घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया गया।

See also  कौन है खाटू श्याम बाबा, जानिए उनकी कहानी…

कारगिल युद्ध और नामग्याल का योगदान
भारतीय सेना ने 5 मई को इलाके की जांच के लिए पेट्रोलिंग टीम भेजी, लेकिन पाकिस्तानी सैनिकों ने हमला कर दिया। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने भी 26 मई को कार्रवाई शुरू की। यह युद्ध 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ, जब भारतीय सेना ने कारगिल की पहाड़ियों को दुश्मनों से मुक्त करवा लिया।

ताशी नामग्याल

ताशी नामग्याल की सतर्कता और सूझबूझ ने भारत की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेना ने उनके योगदान को स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने की बात कही।

अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि
58 वर्षीय ताशी नामग्याल के निधन पर ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “लद्दाख के वीर, आपकी आत्मा को शांति मिले।” उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। हाल ही में वह अपनी बेटी शीरिंग डोलकर के साथ कारगिल विजय दिवस पर शामिल हुए थे।

सेना ने उनके योगदान को अमूल्य बताया और उनके परिवार को हर संभव सहायता का वादा किया। ताशी नामग्याल का नाम हमेशा भारतीय सेना और राष्ट्र के इतिहास में अमर रहेगा।

See also  इंटरपोल की तर्ज पर भारत में 'भारतपोल': जानिए इसकी जरूरत और काम करने का तरीका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन