पाकिस्तान में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए सैनिकों के शवों को गधों पर लादकर ले जाया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पाकिस्तानी सेना और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बढ़ते आतंकवादी हमले और शहीदों की संख्या
बलूचिस्तान और ख़ैबर पख्तूनख्वा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में हाल के आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान सेना के 100 से अधिक सैनिक मारे गए हैं। इन घटनाओं के बावजूद शहीद सैनिकों के प्रति असम्मानजनक रवैया सेना और सरकार की उदासीनता को उजागर करता है।
शहीदों के प्रति असंवेदनशीलता
वीडियो में दिखाया गया कि मृत सैनिकों के शवों को घटनास्थल से हटाने के लिए गधों का सहारा लिया गया। इस असंवेदनशील व्यवहार के बाद सेना के भीतर और बाहर आलोचना तेज हो गई। वीडियो वायरल होने के बाद सेना के उच्च अधिकारियों के खिलाफ बगावती स्वर उठने लगे।
https://x.com/Nighat_Abbass/status/1859104915798585416?t=wR84sEv-PBjaqwR-Rz5tig&s=19
सेना में गुस्सा और उच्च-स्तरीय बैठक
इस घटना के कारण सेना के भीतर गहरा असंतोष फैल गया। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने प्रधानमंत्री से तुरंत कार्रवाई की मांग की। इसके बाद, प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान की योजना बनाई गई। इस अभियान में खुफिया एजेंसियों और आतंकवाद निरोधक इकाइयों को भी शामिल किया जाएगा।
हेलीकॉप्टरों की कमी और भ्रष्टाचार के आरोप
सेना के भीतर यह सवाल उठ रहे हैं कि अरबों डॉलर के बजट और संसाधनों के बावजूद शहीद सैनिकों के शवों को सम्मानजनक तरीके से ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर क्यों उपलब्ध नहीं कराए गए। आरोप लगाए जा रहे हैं कि हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल वरिष्ठ अधिकारियों और उनके परिवारों के निजी कार्यों के लिए हो रहा है। इसी दौरान, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मरियम नवाज द्वारा हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने की खबरें इस विवाद को और बढ़ा रही हैं।
नतीजा
यह घटना न केवल पाकिस्तानी सेना की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि शहीद सैनिकों के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी के अभाव को भी उजागर करती है। अब यह देखना होगा कि इस घटना के बाद सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं या इसे भी अन्य विवादों की तरह दबा दिया जाएगा।